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गधा और घोड़ा

एक घोड़े का बच्चा गलती से गधों के झुँड मे चला गया, धीरे -2 वह बच्चा बड़ा होता गया और अपने आप को गधो के साथ पाकर अपने आप को भी गधा समझता रहा...

Tuesday 23 February 2016

एक आदमी सुबह-2 समुद्र के किनारे टहल रहा था | उसने देखा की लहरों के साथ कुछ छोटी-2 मछलियां जो अपने आप को लेहरों के साथ नहीं ढाल पा रहीं थीं वे समुन्द्री लहरों के साथ तट पर आ जाती हैं,
जब लहरें पीछे जाती हैं, तो मछलियां किनारे पर ही रह जाती हैंं तमाम कोशिशों के बाद भी वो पुनः समुन्द्र में नहीं जा पातीं हैं और धूप में ही तड़प -2 कर दम तोड़ देतीं हैं जिन्हें फिर चील कौए खा लेते थे।
         जब लहरें वापस समुन्द्र में लौटीं तो उसने देखा की अभी भी कुछ मछलियां जीवित थीं और वापस अपनी जगह जानें को तड़प रहीं थीं, उस आदमी से यह सब कुछ नहीं देखा गया वह आदमी कुछ कदम आगे बढ़ा और उसने एक मछली उठाई पानी में फेंक दी ,                वह ऐसा बार-बार बिना रूके करता रहा, उस आदमी के ठीक पीछे एक आदमी खड़ा था, जो यह सब कुछ देख रहा था, वह उसके पास आया और पूछा अरे भैया यह सब क्या कर रहे हो यहां तो सैकड़ो छोटी-2 मछलियां हैं, तुम अकेले कितने को बचा सकते तुम्हारे ऐसा करने से क्या फर्क पड़ेगा, उस आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया, उसने कदम आगे बढ़ाकर एक और मछली उठाकर पानी में फेक दिया और बोला
इस एक मछली को तो फर्क पड़ता है। 
उस आदमी ने जब यह सुना तो वो भी उस आदमी का साथ देने के इरादे से अपने हाथों से मछलियों को समुन्द्र में पुनः डालने लगा।

NOTE :- हम क्या काम कर रहे हैं छोटा या बड़ा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, फर्क ये पड़ता है कि हम क्या कर रहे हैं सही कर रहें हैं या गलत कर रहें हैं, अगर आप सही हैं तो लोग कहीं न कहीं आप का साथ देंगे चाहे वो direct हो या indirect।

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