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गधा और घोड़ा

एक घोड़े का बच्चा गलती से गधों के झुँड मे चला गया, धीरे -2 वह बच्चा बड़ा होता गया और अपने आप को गधो के साथ पाकर अपने आप को भी गधा समझता रहा...

Wednesday 18 February 2015

➡प्रेरणा

दो भाई थे, उनमें से एक शराबी और नशीली दवाओं का आदी था, उसकी कोई इज्जत नही करता था वो जहाँ जाता लोग उससे दूर चले जाते थे, वो इतना बिगड़ चुका था कि अपने परिवार वालो को मारता-पीटता था।
              दूसरा भाई एक ईमानदार किस्म का व्यक्ति था और एक अच्छी कंम्पनी में काम करता था, उसका एक अच्छा भला परिवार था, दोनों एक ही माँ -बाप द्वारा पाले-पोसे गए थे एक ही माहौल में पले-बढ़े दोनों भाई आखिर इतने अलग कैसे हो गए यह कोई नहीं जानता था।
                   जब पहले भाई से पूछा गया आप बेरोजगार हैं, शराबी हैं, अपनेे परिवार वालो को मारते-पीटते है, यह सब आप क्यों करते हैं और कहाँ से सीखा..? उसने जवाब दिया "मेरे पिता से सीखा" मेरे पिता शराबी थे, अपने परिवार के लोगों को पीटा करते थे गलियां दियां करते थे, तो फिर आप मुझसे क्या बनने की उम्मीद कर सकते है।

           दूसरे भाई से जब पूछा गया, "आप सारे सही काम करते हैं आपकी लोग इज़त करते हैं, आपने यह सब कहाँ से सीखा?" तो जरा सेचिए उसने क्या जवाब दिया होगा "...?
                लड़का बोला जब में छोटा था तो अक्सर अपने पिता को देखता था, वो हमेशा शराब पीकर अाते थे, और परिवार के लोगों को मारते - पीटते थे "मैंने तभी से सोच लिया कि में उनके जैसा नहीं बनूगाँ!
      Note:-  यही नियम हमारी जिन्दगी में भी लागू होता है, हम रोज अपने आस-पास अच्छी और बुरी चीज़ें देखते है, तथा उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं, इसमे कुछ भी गलत नहीं है की हम क्या कर रहें हैं, बल्कि मायने यह रखता है कि हम उसे किस प्रकार अपने जीवन में उतार रहें हैं।
                 

           


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