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गधा और घोड़ा

एक घोड़े का बच्चा गलती से गधों के झुँड मे चला गया, धीरे -2 वह बच्चा बड़ा होता गया और अपने आप को गधो के साथ पाकर अपने आप को भी गधा समझता रहा...

Tuesday 10 February 2015

▶five का दम💪🆗

हम सब अकसर, लोगो से सुनते है, कि यार अपनी इन्द्रियो को काबू करना सीखो, लेकिन भाई मेरे कोई बतायेगा कि ये 5 इन्द्रिया है क्या?  हर कोई कहता है कि ये 5 इन्द्रिया आँख, कान, नाक जीभ और त्वचा है,
               लेकिन मेरी नजरो मे 5  इन्द्रिया वे हैं, जो किसी भी समस्या मे किसी भी समय ( मतलब कैसे भी ) इन्सान की रझा करे यनि उसे मन से शांत करे, तथा दिमाग को अपना काम करते रहना चाहिये,उसमे कोई अड़चन नही होनी चाहिए,
              और ये 5 इन्दिया निम्न है :-
      (क्या, कब, क्यों, केसे, और कहाँ )।
अब लोग सोच रहे होगें कि कैसे तुम कह सकते हो कि ये 5 चीजे गलत हैं, और जो तुम कह रहे हो वही सच हैं
                तो मे उन लौगो से कहना चाहता हुँ, कि मे यह नही कह रहा कि ये सच है, मे सिर्फ यह कहना चहता हुँ, कि अगर इन 5 इन्द्रियो के साथ इनके जैसा ही कुछ मिला दिया जाये तो ये कुछ ज्यादा ही शक्तिशाली हो जायेगी,
               और मैने यही किया, कैसे किया नीचे बता रहा हुँ,
          1)   क्या - आखँ
          2)   क्यों - कान
          3)    कब - जीभ
          4)     कैसे - नाक
          5)    कहाँ - त्वचा
    1). जिस तरह आखँ का काम होता है कि हमे क्या देखना चाहिए क्या नही देखना चाहिए, वेसे ही हमे भी पता होना चाहिए कि क्या करे क्या न करे,
    2). कान का काम सुनना होता है और सुनकर हमे पता चलता  है कि हमने जो कुछ सुना है वो सही है या गलत है उसी तरह हमें भी कुछ करने से पहले पता होना चाहिए कि यह काम गलत है या  
सही अगर गलत है तो क्यों गलत है,
   3). जीभ का काम होता है पता करना की हम जो भी चीज खा रहे है वो खाने लायक है भी कि नही तथा इसे कब शरीर.के अन्दर डालना है उसी तरह हमे भी पता होना चाहिए कि हमे काम कब करना है,
    4). नाक का काम होता है शरीर के अन्दर किसी भी तरह मतलब कैसे भी साँस पहुँचाना उसी तरह हम जब कोई काम करे तो उसे कैसे भी पुरा करे,
     5). त्वचा का काम होता है इन चारो चीजो ( आखं, कान, नाक और जीभ ) को मिलाकर रखना इसी तरह हमे भी इन चारो चीजो ( कब, क्यों, कैसे, क्या ) को मिलाकर रखना चाहिए तभी हमे पता चलेगा कि हम यह काम कहाँ करेगें,
          उपरोक्त चीजो को जिसने भी वश मे कर लिया यानी हर परिस्थिति मे इनका उपयोग करने लगा वो मेरी नजरो मे देवता है,
          ( देवता से मतलब उससे है जो सब लोगो से बेहतर है)

      इन 5 चीजो को मिलाकर एक नई चीज बनती और वही देवता बनने का कारण है,

         अब सवाल यह उठता है कि इसे वश मे केसे करे, तो मे बता देता हुँ कि यह बहुत आसान है तुुम्हे केवल यह करना है कि तुम कुछ भी करो उसे करने से पहले यह सोच लो कि मैं क्या काम कर रहा हुँ , क्यों कर रहा हुँ , कब कर रहा हुँ , केसे कर रहा हुँ और कहाँ कर रहा हुँ ।
           जो इसे जितना बेहतर करेगा वो उतना ही बेहतर होता चला जायेगा और इस बात मे कोई शक नही कि एक दिन ओ देवता बन बेठें, ।

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